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आखिर आइटी प्रोफेशनल्स क्यों चाहते हैं 'वर्क फ्रॉम होम' कल्चर बना रहे, सर्वे में सामने आई सच्चाई

कोरोना वायरस (CORONA VIRUS COVID-19) के संक्रमण के कारण लगाया गया 'लॉकडाउन' (LOCK DOWN) और उसके बाद 'न्यू नॉर्मल' (NEW NORMAL) के तहत 'वर्क फ्रॉम होम' (WORK FROM HOME or WFH) कल्चर अब लोगोंको पसंद आने लगा है। खासकर उन पेशेवर क्षेत्रों में जहां लोगों के पास काम का इतना ज्यादा बोझ है कि वे अपने घर-परिवार को भी समय नहीं दे पाते। खासकर आइटी सेक्टर (IT SECTOR) से जुड़े प्रोफेशनल कर्मचारी 'वर्क फ्रॉम होम' कल्चर को खूब पसंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि जहां पहले वे काम के बोझ और आउटिंग के चलते परिवार को बिल्कुल भी समय नहीं दे पाते थे अब पूरा दिन घर पर रहते हैं और बच्चों एवं अन्य सदस्यों के साथ भरपूर समय बिताते हैं। इससे उनके परिवार में न केवल फिर से बॉन्डिंग (FAMILY BONDING) विकसित हुई है बल्कि सभी की शिकायतें भी दूर हो गई हैं। वहीं रिश्तों में मजबूती आने से वे भी अच्छा महसूस कर रहे हैं।हाल ही में किए गए एक सर्वे के पतीजे में भी यह बात सामने आई है। सर्वे में पता चला कि आइटी पेशेवर 'वर्क फ्रॉम होम' विकल्प से काम करना पसंद करते हैं क्योंकि यह पारिवारिक बंधन को मजबूत कर रहा है। सर्वे में 500 से ज्यादा आइटी प्रोफेशनल्स को शामिल किया गया था। वहीं ५७ फीसदी ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते भी वे घर से बाहर निकलना प्रिफर नहीं कर रहे हैं।

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82 फीसदी को पसंद 'डब्ल्यूएफएच'
सर्वे के अनुसार भारत की सिलिकॉन वैली बैंगलोर समेत करीब 90 फीसदी कंपनियों ने डब्ल्यूएफएच का विकल्प अपने कर्मचारियों को दिया है। वहीं लगभग 82 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि यदि इस सुविधा को और बढ़ाया जाता है तो वे इसका स्वागत करेंगे। सर्वे में सामने आया कि घर से काम करने के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी, टीमवर्क और बिजली आउटेज की समस्याएं प्रमुख चुनौतियां थीं। लेकिन ज्यादातर लोगों ने इससे पार पा लिया। लगभग 62 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें डब्ल्यूएफएच के दौरान कोई अनुचित काम के दबाव का अनुभव नहीं हुआ। सर्वेक्षण में सामने आया कि लगभग 48 फीसदी 8 से 10 घंटे काम कर रहे हैं और लगभग 29 फीसदी ने कहा कि वे घर पर 10 से 12 घंटे काम कर रहे हैं। वहीं अधिकांश कंपनियों ने इस दौरान किसी प्रकार का इन्सेंटिव नहीं दिया।

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रिश्ते सुधार रहा 'न्यू नॉर्मल'
आईटी उद्योग में काम करने वाले पेशेवरों को डब्ल्यूएफएच के दौरान अपने परिवार को मजबूत बनाने और रिश्तों को गहराई देने का खूब समय मिल रहा है, क्योंकि वे घर पर पहले से अधिक समय बिता पा रहे हैं। इससे पहले, काम के अलावा ऑफिस आने-जाने और ट्रैफिक में ही दो से तीन घंटे खराब हो जाते थे। शोधकर्ताओं ने कहा कि सर्वे का मकसद यह समझना था कि डब्ल्यूएफएच को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया कैसी है और विभिन्न कंपनियों में इसे किसस्वरूप में लागू किया जा रहा है।

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तलाक ओर कलह घट गए
शोधकर्ताओं ने पाया कि समय के अभाव से परिवार टूटने की कगार पर पहुंच गए थे। खासकर एकल परिवार में वर्किंग पति-पत्नी के बीच अक्सर तकरार ओर कलह बनी रहती थी। लेकिन डब्ल्यूएफएच के बाद इसमें कमी आई है। दोनों एक-दूसरे की परेशानियों और काम को सममान देने लगे हैं। इस दौरान तलाक और कलह की उच्च दर में भी गिरावट देखने को मिली है। डब्ल्यूएफएच ने ऐसे कई मुद्दों को सुलझाने का समय प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल 89 फीसदी लोगों ने पति-पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ संबंधों को बढ़ाया है। सर्वेक्षण में कहा गया कि लगभग 45 प्रतिशत ने अपने बेडरूम का उपयोग कार्यस्थल के रूप में किया है और लगभग 24 प्रतिशत के पास एक समर्पित कार्यशैली है। जबकि लगभग 22 प्रतिशत ने काम करने के लिए मुख्य हॉल का उपयोग किया है।

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